Skip to main content

 

आवश्यक सूचना एवं जानकारी

मैं #Universal Sompo का Health #Policy करीब 8 साल से चला रहा हुँ। Universal Company के मुताबिक India के सभी Hospital इनके Panel list में आते हैं। लेकिन जब हम लोग अपने जिले के अच्छे Hospital जाते हैं तो वह Hospital इनके Panel list में होता ही नही है। और जब #Reimbursement claim करते हैं। तो Universal Sompo के कर्मचारी साफ-साफ मना कर देते हैं।

मेरा हेल्थ पोलिसी नम्बर 2825/55118440/06/000 है और Reimbursement  के लिए दिनांक 08/07/2021 को Claim किया जिसका Claim No. 256893 है और Reimbursement के लिए सभी आवश्यक Document की मूल कापी जमा करा दिया है। लेकिन Universal Sompo के कर्मचारी Email के द्वारा हमें यह सुचित कर रहें हैं कि आप सभी Document जमा नही किया है। लेकिन मैनें सभी Document जमा करा दिया है और Document जमा करने का Received भी लिया है। Sompo Company  को Claim पास ना करना पडें इसलिए Document के Submit ना होने का बहाना बना रही है।

अतः आप सभी पाठकों एवं पोलिसी Member से निवेदन है कि Universal Sompo से किसी भी प्रकार की पोलिसी ना करायें। अगर पोलिसी ले रखी है तो किसी और पोलिसी Company में Port करा लें। जिससे आप सभी हमारी तरह दिमागी और शारिरिक परेशानी से बच सकें।


आप सभी के लिए

जनहीत में जारी

राम बचन यादव

Comments

Popular posts from this blog

Multimedia Team of Goyal Brothers Prakashan This pics my all friend of multimedia. Kadir khan(Team leader), Mohan, Naveen, Mukesh, Ram Bachan, Rakesh, Rahul, Niraj, Vipin.

Paras

                                 Paras (It is an Animator in Goyal brother Noida)

तुलसीदास जयंती 2023

  तुलसीदास तुलसीदास जी (1532–1623 ईसा पूर्व) हिन्दी भाषा के महान कवि और संत थे,  वे तुलसी जी भी कहलाते हैं और उनका जन्म वाराणसी के निकट रामकृष्ण गाँव में हुआ था।  जिन्होंने भगवान श्रीराम की महिमा को बहुत ही उत्कृष्ट रूप से व्यक्त किया। उन्होंने 'रामचरितमानस' नामक एक महाकाव्य लिखा जिसमें भगवान श्रीराम के जीवन की कई घटनाएँ और उनके भक्तों के उपदेश दिए गए हैं। तुलसीदास जी की इस रचना ने हिन्दी साहित्य को नया दिशा दिलाया और उन्हें 'रामकथा' के प्रति अत्यंत श्रद्धानीय बना दिया| तुलसीदास ने अपने जीवनकाल में 'रामचरितमानस' नामक महाकाव्य की रचना की, जो भगवान राम के जीवन पर आधारित है। इस काव्य में उन्होंने भगवान राम की लीलाएं, भक्ति और मानवता के महत्वपूर्ण सिद्धांतों को सुंदरता के साथ प्रस्तुत किया है। उनकी भक्ति और देवों में श्रद्धा का प्रतीक 'रामचरितमानस' ही नहीं, बल्कि उनकी दूसरी रचनाएँ भी हैं जैसे 'विनयपत्रिका', 'जानकीमानस', 'कवितावली' आदि। तुलसीदास के लिखे गए कृतियाँ हिन्दी भाषा में लिखी गई कविता और प्रवचन की भावना को सरलता से पहुँचाती है...