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श्रीकृष्णा: भारतीय पौराणिक कथाओं में एक प्रमुख चरित्र


 पौराणिक कथाओं और वेदों के अनुसार, भगवान विष्णु के आवतारों में से एक भगवान श्रीकृष्णा का अवतार हुआ था। श्रीकृष्णा का जन्म द्वापर युग में मथुरा नगरी में हुआ था। उनके पिता का नाम वसुदेव और माता का नाम देवकी था। वसुदेव के सखा नंद और यशोदा ने श्रीकृष्णा को पालना और मातृसुत के रूप में उनकी बड़ी परवाह की।

बचपन में ही श्रीकृष्णा ने अपनी चमत्कारिक लीलाओं और माखन चोरी की गंदगी चरित्र से लोगों का मन मोह लिया। उनके विशेष दोस्त थे सुदामा और गोपियाँ, जिनके साथ व्रज की गोपी लीलाएं भी मशहूर हैं।

श्रीकृष्णा की बड़ी लीला महाभारत महाकाव्य में है, जिसमें उन्होंने अर्जुन को भगवद गीता का उपदेश दिया। भगवद गीता एक महत्वपूर्ण धार्मिक और दार्शनिक ग्रंथ है, जिसमें मनुष्य के कर्तव्य, धर्म, और जीवन के मूल तत्वों का विवेकपूर्ण विवेचन किया गया है।

श्रीकृष्णा के जीवन का एक प्रमुख घटना महाभारत की युद्ध है, जिसमें उन्होंने अर्जुन को उनके धर्म के अनुसार युद्ध करने की प्रेरणा दी और उनके साथ रथ में सारथी के रूप में रहकर महाभारत की युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

श्रीकृष्णा की मृत्यु भगवान बलराम की मृत्यु के बाद हुई और उनका विश्वास है कि वे स्वयं को त्यागकर अपने दिव्य शरीर को छोड़ दिया और अपने लोक में वापस गए।

श्रीकृष्णा की कथाएँ भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं और उनके चरित्र ने धार्मिक तत्त्वों की प्रेरणा और मार्गदर्शन किया है। उनकी बाल लीलाएँ और गीता का उपदेश आज भी लोगों के जीवन में प्रासंगिक हैं और उन्हें आदर्श मान्यता है।


और उनके जन्म से लेकर बचपन, किशोरावस्था, युवावस्था तक के विभिन्न चरणों में उनके चमत्कारिक और मनोहारी लीलाएं होती हैं। यह लीलाएं श्रीमद्भगवद गीता, विष्णुपुराण, भगवत पुराण आदि जैसे पुराणों में विस्तारपूर्वक वर्णित हैं।

कुछ प्रमुख श्रीकृष्ण के लीला विषय निम्नलिखित हैं:

  1. 1. बाललीला: श्रीकृष्ण का बचपन विशेष रूप से वृंदावन में गोपियों के साथ विभिन्न खेलों में गुजरता है, जिनमें माखन चुराने की लीला, गोपियों के साथ रासलीला आदि शामिल हैं।

  2. 2. गोवर्धन पूजा: श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को उठाकर गोपों को सुरक्षा दी थी, जिससे भगवान की महिमा और भक्ति का संदेश स्पष्ट होता है।

  3. 3. कांस वध: श्रीकृष्ण ने अपनी मामा कांस को मारा और माथुरा की गोकुल में न्याय स्थापित किया।

  4. 4. गीता उपदेश: श्रीकृष्ण ने महाभारत के युद्धभूमि कुरुक्षेत्र में अर्जुन को अपने दिव्य उपदेश के रूप में भगवद गीता दिया, जिसमें जीवन के मार्ग के बारे में उपयोगी बातें हैं।

  5. 5. रासलीला: श्रीकृष्ण की रासलीला गोपियों के साथ रात्रि को नृत्य और भगवान के साथी बनने की आदर्श भक्ति का प्रतीक मानी जाती है।

  6. 6. महाभारत की सहायता: श्रीकृष्ण ने महाभारत युद्ध के समय पांडवों की सहायता की और उन्हें जीत हासिल करने में मदद की।

  7. 7. विवाह लीला: श्रीकृष्ण का विवाह रुक्मिणी के साथ आयोजित हुआ था, जिसमें वे उन्हें उसके गहनों के साथ भाग्यशाली रूप से छुड़ा लिए।

श्रीकृष्ण की लीलाएं उनके अद्वितीय और अनंत गुणों को प्रकट करती हैं और भक्तों को उनके प्रेम और देवों के साथ सख्त आपसी संबंध की महत्वपूर्णता का आदर्श प्रस्तुत करती हैं।

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