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मऊ जिले का ऐतिहासिक एवं पौराणिक ' #देवलास_मेला ' इन दिनों जोर-शोर से चल रहा है और धीरे-धीरे अपने अंतिम चरण की ओर बढ़ रहा है। पिछले दो दिनों से मौसम का बिगड़ा हुआ मिजाज मेला प्रेमियों, श्रद्धालुओं और दुकानदारों के लिए थोड़ी परेशानी लेकर अवश्य आया है। बेमौसम हुई तेज बरसात ने लोगों के उत्साह को थोड़ा भंग जरूर किया है पर 'सूर्य देव' की कृपा की आशा सबको है और सकारात्मक भाव से लोग कीचड़-मिट्टी से गुजरते हुए भी सूर्य मन्दिर और मेले में पहुंच रहे हैं। इससे इस पौराणिक स्थल (देवकली देवलास) व यहाँ स्थित 'सूर्य मंदिर' के प्रति लोगों की आस्था और श्रद्धा एवं 'देवलास मेले' की लोकप्रियता और महत्व का पता चलता है। विदित हो कि लोक आस्था के महापर्व #छठ के अवसर पर देवर्षि देवल की तपोस्थली ' #देवकली_देवलास ' स्थित सूर्य मंदिर, जहाँ भगवान सूर्य के बाल स्वरूप ‘बालार्क’ के दर्शन होते हैं, पर प्रति वर्ष छठ पूजा का पर्व अत् यंत हर्ष और उल् लास से मनाया जाता है एवं इस अवसर पर वहाँ एक भव्य मेला लगता है जो लगभग 10-15 दिनों तक चलता है । ऐसी मान्यता है कि #देवकली...




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