मऊ जिले का ऐतिहासिक एवं पौराणिक ' #देवलास_मेला ' इन दिनों जोर-शोर से चल रहा है और धीरे-धीरे अपने अंतिम चरण की ओर बढ़ रहा है। पिछले दो दिनों से मौसम का बिगड़ा हुआ मिजाज मेला प्रेमियों, श्रद्धालुओं और दुकानदारों के लिए थोड़ी परेशानी लेकर अवश्य आया है। बेमौसम हुई तेज बरसात ने लोगों के उत्साह को थोड़ा भंग जरूर किया है पर 'सूर्य देव' की कृपा की आशा सबको है और सकारात्मक भाव से लोग कीचड़-मिट्टी से गुजरते हुए भी सूर्य मन्दिर और मेले में पहुंच रहे हैं। इससे इस पौराणिक स्थल (देवकली देवलास) व यहाँ स्थित 'सूर्य मंदिर' के प्रति लोगों की आस्था और श्रद्धा एवं 'देवलास मेले' की लोकप्रियता और महत्व का पता चलता है। विदित हो कि लोक आस्था के महापर्व #छठ के अवसर पर देवर्षि देवल की तपोस्थली ' #देवकली_देवलास ' स्थित सूर्य मंदिर, जहाँ भगवान सूर्य के बाल स्वरूप ‘बालार्क’ के दर्शन होते हैं, पर प्रति वर्ष छठ पूजा का पर्व अत् यंत हर्ष और उल् लास से मनाया जाता है एवं इस अवसर पर वहाँ एक भव्य मेला लगता है जो लगभग 10-15 दिनों तक चलता है । ऐसी मान्यता है कि #देवकली...
"शिक्षक दिवस" "शिक्षक दिवस" भारत में हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है। इस दिन भारतीय शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों के महत्व को याद करके उनका सम्मान किया जाता है। यह दिन श्री सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन पर मनाया जाता है, जो एक प्रसिद्ध शिक्षक और भारत के पहले राष्ट्रपति थे। "शिक्षक दिवस" एक अवसर है शिक्षकों को उनके महत्व को समझने और उनका सम्मान करने का। शिक्षकों का सम्मान करना क्यों महत्वपूर्ण है? क्योंकि वे हमारे समाज के निर्माता हैं। वे नए दिमाग को रोशनी देने वाले हैं, ज्ञान का प्रकाश फैलाने वाले हैं। शिक्षकों की मदद से ही हम बच्चे अपने जीवन के लिए अच्छे नागरिक बन सकते हैं। वे विद्यार्थियों के चरित्र को सुधारने में भी सहायक होते हैं। शिक्षकों का काम देश के विकास में भी महत्वपूर्ण है। इस दिन शिक्षकों के प्रति हमारा आभार व्यक्त होता है। विद्यार्थियाँ अपने शिक्षकों को धन्यवाद देती हैं उनके महत्वपूर्ण उपहारों और प्रशंसा के माध्यम से। इस दिन के अवसर पर कई जगहों पर शिक्षकों के लिए समारोह और कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। "शिक्षक दिवस" मनाने ...